Tuesday 24 April 2018

कांग्रेस के दामन पर लगे हैं मुसलमानों के खून के दाग: सलमान खुर्शीद

आमिर मिंटोई ने सलमान खुर्शीद से पूछा कि कांग्रेस के दामन पर मुसलमानों के खून के जो धब्बे हैं, इन धब्बों को आप किन अल्फ़ाज़ों से धोना चाहेंगे?



अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के डॉ. बीआर आंबेडकर हॉल में आयोजित वार्षिकोत्सव में पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता सलमान खुर्शीद ने छात्रों से सीधे संवाद किया. इस दौरान छात्रों ने खुर्शीद से तीखे सवाल किए, जिनका उन्होंने खुलकर जवाब दिया.

सलमान खुर्शीद ने ट्रिपल तलाक पर छात्रों को जागरूक करते हुए अलीगढ़ से अपने पुराने रिश्ते को याद किया. उन्होंने कहा, 'इसी यूनिवर्सिटी के वीसी लॉज में पैदाइश हुई थी, लेकिन मुझे इस बात का अफसोस है कि मेरी तरबियत यहां से नहीं हुई.'

एएमयू के निलंबित छात्र आमिर मिंटोई ने खुर्शीद से पूछा कि 1947 में देश की आजादी के बाद ही 1948 में एएमयू एक्ट में पहले संशोधन, 1950 प्रेसिडेंशल ऑर्डर, जिसमें मुस्लिम दलितों से एसटी/एससी आरक्षण का हक छिना गया. इसके बाद हाशिमपुरा, मलियाना, मेरठ, मुज़फ्फरनगर, मुरादाबाद, भागलपुर, अलीगढ़ आदि में मुसलमानों के नरसंहार हुआ. इसके अलावा बाबरी मस्जिद के दरवाज़े खुलना, बाबरी मस्जिद में मूर्तियों का रखना और फिर बाबरी मस्जिद की शहादत जो कि कांग्रेस की नरसिम्हा राव सरकार में हुई.

इन सारी घटनाओं का हवाला देते हुए आमिर मिंटोई ने सलमान खुर्शीद से पूछा कि कांग्रेस के दामन पर मुसलमानों के खून के जो धब्बे हैं, इन धब्बों को आप किन अल्फ़ाज़ों से धोना चाहेंगे? इस सवाल के जवाब में सलमान खुर्शीद ने आमिर मिंटोई के लगाए हुए इल्जामों से बचते हुए ना चाहते हुए भी यह कह गए की कांग्रेस का नेता होने के नाते मुसलमानों के ख़ून के यह धब्बे मेरे अपने दामन पर हैं.

कांग्रेस के दिग्गज नेता सलमान खुर्शीद ने आखिर में छात्रों से इतनी अपील की कि आप गुज़रे हुए वक्त से सबक सीखो. उन्होंने छात्रों से कहा कि आप आगे इस बात का ख्याल रखो कि जब कभी आप अलीगढ़ लौटकर आओ तो आपको भी अलीगढ़ में सवाल पूछने वाले मिलें.

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